नव निर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष से अपेक्षाएं- परिचर्चा

मंगलवार, 6 जनवरी 2009

शम्भू जी ने कहा है

आदरणीय श्री प्रमोद जी [जैन]आपने सही लिखा लगभग एक सप्ताह हुआ ये परिचर्चा शुरू हुए लेकिन अभी तक जिस संख्या में विचार आए हैं उससे लगता नही की ब्लॉग रीडर ज्यादा उत्साहित हैं इस परिचर्चा को लेकर. अन्य विषयों पर काफ़ी विचार प्रवाह हो रहा हैं. इससे जान पड़ता हैं ब्लॉग के रीडर अन्यान्य बातो में जयादा रूचि रखते हैं वनिस्पत मंच को नई दिशा देने में. बड़े ही अफसोस की बात हैं

ये" नई दिशा कहाँ से शुरू की जाय जबतक हमारा स्वार्थ पूरा नहीं होगा, हम नई दिशा देने में सक्षम है ही नहीं। बंगाल प्रान्त के चुनाव हुए दो माह हो गये नई कार्यकारिणी नहीं बनाई जा सकी। कौन इसका गठन करेगा यह नवनिर्वाचित प्रनतीय अध्यक्ष को पता नहीं है शायद इसी लिये वे किसी के उत्तर का इन्तजार कर रहें हैं।
नव निर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष जी ने तो अपने प्रथम उदबोधन में ही कह दिया की अब तक मंच के आठ स्तम्भ थे जो अब '9' हो गयें जो स्तम्भ हो गये हैं, उनसे कार्य की उम्मीद कैसे की जा सकती? आपको पता ही होगा कि अभी तक नई कार्यकारिणी के गठन की प्रक्रिया भी पूरी नहीं हो पाई है फिर ऐसे गम्भीर मुद्दे पर कोई अपनी राय कैसे दे। परिचर्चा का विषय जो हमलोगों ने चुना हैनव निर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष से अपेक्षाएं इनसे हम पहली अपेक्षा तो ये रखतें हैं कि वे जल्द से जल्द अपनी टीम की घोषणा करते जो अति विलम्ब हो चुका है।
- शम्भु चौधरी, कोलकाता -9831082737

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