भाई जीतू ने २८ दिसम्बर को राष्ट्रीय अध्यक्ष पदकी शपथ ली थी। आज एक सप्ताह हो गए हैं, लेकिन प्राप्त जानकारियों के आधार पर मैं कह सकता हूँ की अभी तक उनकी कार्यकारिणी समिति का गठन तक नह हो पाया है। जानकारों का कहना है किइस प्रक्रिया में कम से कम एक माह का वक्त लग जाएगा। यानि कार्यकारिणी बनने, पदाधिकारियों के चयन, कार्य बिभाजन, कार्यों का जिम्मा लेना आदि में कम से कम दो माह समय व्हो जायेंगे। इन दो माहों में मंच कमोबेश नेतृत्व बिहीन रहेगा। इसमे गलती जीतू भाई की नही है, गलती है मंच में व्याप्त सिस्टम की। कोई भी व्यक्ति रातो रात राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन नही कर सकता है। गठन करते वक्त अलग अलग प्रान्तों का सही सम्मिश्रण, अनुभवी और नविन युवाओं का सही सम्मिश्रण आदि अनेक बातों पर गौर करना पड़ता है। हर एक सदस्य अवाम पदाधिकारी को उसके इतिहास कि तुला में तुलना पड़ता है और ये सारे कार्य समय लेते ही हैं।
अब मंच परिवार काफी विशाल हो गया है और से कम अब तो यह तय हो जन चाहिए कि राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव के कम से कम दो माह बाद पद ग्रहण करें। चाहे तो पद ग्रहण का समय १ अप्रैल का भी तय किया जा सकता है। जरा सोचिये.....
विनोद लोहिया
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें