प्रमोद जी ने बिल्कुल सही बात कही है। जिन लोगों ने झुंझुनू की राष्ट्रीय सभा में भाग लिया था, उन्हें याद होगा की जब राष्ट्रीय शुल्क को १०० रु। से बढाकर २०० रु. किया गया तो राष्ट्रीय नेतृत्व ने राष्ट्रीय सभा में यह तर्क दिया था की मंच में प्रोफेशनल मैनेजर्स और क्वालीफाइड स्टाफ रखने, इत्यादि कार्यालय व्ययों के लिए राष्ट्रीय शुल्क में बढोत्तरी आवश्यक है।
जिस कार्यकारिणी ने यह फ़ैसला लिया वह अपने वादे को तो नहीं निभा सकी, हाँ, राष्ट्रीय शुल्क में बढोत्तरी कर साधारण सदस्यों पर अतिरिक्त भार अवश्य दे गयी।अब नए नेतृत्व से यह अपेक्षा रहेगी की मंच में प्रोफेशनल मैनेजर्स को लायें, ताकि मैनेजमेंट बेहतर हो सके, अभी जो ऑफिस स्टाफ है, उनसे शाखाएं अथवा सदस्य कितने संतुष्ट है ये तो हर कोई जानता है।
- विकास मित्तल
नव निर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष से अपेक्षाएं- परिचर्चा
शुक्रवार, 2 जनवरी 2009
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